Sunday, June 17, 2012


"" मैं भारत की तस्वीर हूँ ,कल के भारत के भविष्य की जननी हूँ ,
आँचल में दूध और आँखों में पानी , अब यह मेरी जुबान नहीं हैं .
"जय माता दी " चिल्लाने वालों मेरी आँखों में झांक कर देखो ,
मैं वही शक्ति हूँ , मुझे जीने दो !!
मैं अग्निपरीक्षा की सीता और जुए में हारी द्रौपदी नहीं हूँ,
पुरुष के अहंकार की गाली का हर शब्द अब मैं नहीं हूँ ,
मैं समाज का स्वाभिमान बनना चाहती हूँ , हर परिवार की शान बनना चाहती हूँ

हाँ ! मैं नारी हूँ
पर समाज की कमजोरियां नहीं हूँ मैं , मुझे जीने दे सके वह भगवान् चाहती हूँ ,
हाँ मैं नारी हूँ ,
पर बन्धनों से अलग कर सबला बना सके मुझे ,ऐसा मैं इंसान चाहती हूँ .
मुझे मेरी जीने की साँसे ना छीनो , मैं भी बढ़ने के लिए अपने हक का आसमान चाहती हूँ ."""

ऐसा अंदाज़ है के पिछले 30 सालों में 1.2Cr लड़कियों की मृत्यु जनम से पहले ही कर दी गयी .हर 12 seconds में भारत में कहीं न कहीं एक भ्रूण कन्या को ख़त्म कर दिया जाता है .15 Lakh लड़कियां ( 1.2 cr से ) यानि 13% अपना पहला जन्मदिन भी नहीं मना पाती. बाकि बचे लोगों में सिर्फ 90 lakh लड़कियां ही 15th जन्मदिन मनाती हैं .

23 Lakh वेश्याओं में 12 lakh -- करीबन 50% लड़कियां कम उम्र की हैं, 12000 बच्चों के सर्वेक्षण में 69% बच्चों ने किसी न किस प्रकार के यौन शोषण की बात स्वीकारी है . Year 2000 survey के अनुसार 51 lakh बंधुआ मजदूर हैं जिसमे 18 lakh वेश्यावृति में थी और 12 लाख लड़कियां देह तस्करी में शामिल की गयी 


Poonam Shukla

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