Sunday, July 1, 2012


बिकती नैतिकता , भ्रस्टाचार की नौटंकी ,और कुर्सियों की खरीद से दूर में एक इमानदार बनूँगा !
लाचार संविधान , बेबस प्रशासन और गुलाम होते कानून का मैं एक सशक्त पहरेदार बनूँगा !!
हर गरीब की आस , हर भूखे की रोटी , उनके विकास का मजबूत ; मैं वह हिस्सेदार बनूँगा !
भले न देखी हो आजादी की जंग , पर शहीदों के लहू का क़र्ज़ चुकाता मैं सच्चा कर्जदार बनूँगा !!

सरकारी फाईलों और दफतरों की सीडीयों पर दम तोड़ती जनता का मैं एक सबल आधार बनूँगा !
नारों और राजनीती की चमक में बहकता कदम न बनकर , मैं खुद देश का एक समाचार बनूँगा !
लड़ सके इस व्यवस्था से और दिला सके न्याय , कमजोरों के लिए वोह ताक़तवर हथियार बनूँगा
टूटी छत ,अँधेरी रातें ,कम होती खुराक के बावजूद , मेहनत से , उन उंचाईयों का मैं हक़दार बनूँगा !

हम एवं समाज पर यह एक जिम्मेदारी है की यह लोग नक्सलियों और अपराधियों का हथियार न बने.. "
Poonam Shukla

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