Poonam Shukla

सच्चे शब्दों में सच का अहसास लिखेंगे;देश का स्वामिभान लिखेंगे,समाज और जनता की आवाज लिखेंगे:हृदय से हर मानव का सम्मान लिखेंगे;हमने कलम उठाई है तो इतिहास लिखेंगे

  • In Images
  • In News/Media
  • Conference London UK
  • with Celebrities/Awards/Honors

In Images













Email ThisBlogThis!Share to XShare to FacebookShare to Pinterest
Home
Subscribe to: Posts (Atom)

Profile

My photo
Poonam Shukla
भयभीत चेहरों के बंद होठों की जुबान लिखूं मैं ! शहीदों के लहू का सच्चा सम्मान लिखूं मैं ! आसमां में फहरते तिरंगे का स्वाभिमान लिखूं मैं ! इतिहास के पन्नों पर देश का कीर्तिमान लिखूं मैं !
View my complete profile

My Blog List

  • Prateeks Shukla 's Blog
    Choice - If you think that by travelling alone, choosing to plan your career or making money out of your first real job, you have grown independent. Then Just take ...
  • Prateek Corporate funda
    -

Blog Archive

  • ▼  2011 (32)
    • ▼  January (17)
      • ग्रामीण इलाकों में ई-प्रशासन
      • भागती रहती सहमी भीड़ का हिस्सा हूँ मैं , और यही त...
      • मानवाधिकार बुद्धिजीवियों - सवाल है .-- मानव कौन और...
      • उस  दिन  सुबह खिड़की  के  झरोखों   से&
      • क्यों भूलते हैं CRPF ...मौत से जूझने वाला मौत को ग...
      • UP नेताओं..अयोध्या पर मुंह खोलने से पहले सोचें अयो...
      • Ek Soch - Kyon Baante Insaan Ko" Uske" Naam ek tuk...
      • Role of Police in Hindi Cinema- A brief History
      • घरेलु हिंसा और उपभोक्तावादी विवाह संस्कृति
      • लाइव इन रिलेशनशिप - सामाजिक जरूरत या सामाजिक समस्या
      • ए मेरे देश -- क्रांति की एक पुकार
      • देश क़ी गरीबी भी बिकती है ..Peepli live for Oscar ...
      • मुन्नी बदनाम हुई या भोजपुरी बदनाम हुई..
      • शिक्षक - हिंदी सिनेमा में - शिक्षक दिन पर विशेष
      • What is a policeman made of ?- by Paul Harvey
      • तुम राम बन सको ; तो बन लो.........सही विजय का पर्व...
      • दोस्तों को समर्पित जो हमेशा हौसला बुलन्द करते हुए ...
    • ►  February (3)
    • ►  March (2)
    • ►  April (3)
    • ►  May (1)
    • ►  July (1)
    • ►  August (1)
    • ►  October (1)
    • ►  November (3)
  • ►  2012 (15)
    • ►  January (3)
    • ►  February (4)
    • ►  March (1)
    • ►  May (1)
    • ►  June (2)
    • ►  July (4)
  • ►  2013 (9)
    • ►  May (8)
    • ►  June (1)

Search This Blog


Followers

Popular Posts

  • ग्रामीण इलाकों में ई-प्रशासन
    ग्रामीण इलाकों   में   ई-प्रशासन      ई-प्रशासन  पर जेहां हम तकनिकी , बजट , योजनायों और संसाधन पर सारा ध्यान केन्द्रित कर रहें हैं और बहस ...
  • "नक्सल भस्मासुर : खाकी से खादी ..क्या है इसका हल ?"
    ज्वलनशील , सशक्त और गंभीर लेख :आज मुंबई प्रमुख अखबार " हमारा महानगर " -मेरा लेख http://www.hamaramahanagar.in/20130612...
  • मुन्नी बदनाम हुई या भोजपुरी बदनाम हुई..
    मुन्नी बदनाम हुई  या भोजपुरी बदनाम हुई.. यह सवाल मेरे जहन में आ रहा है...क्यों आजकल हिंदी सिनेमा में भोजपुरी को अश्लील आयटम नाच के तौर पर प...
  • शिक्षक - हिंदी सिनेमा में - शिक्षक दिन पर विशेष
    गुरु की भूमिका हिंदी सिनेमा में काफी अहम् रही है. शिछ्कों के रोले में कई अभिनेता रहे हैं.  सबसे पहले जो हमें याद आता है व्हो गीत " हम ...
  • ज्योतिष और बदलता सामाजिक दृष्टिकोण
    ज्योतिष और बदलता सामाजिक दृष्टिकोण  एक सचाई जो शायद खुलकर स्वीकार न की जा सके , भौतिकवाद और उपभोक्तावाद के युग में भागती दौड़ती जिंदगियां ,...
  • ज्योतिष , कर्म और पुरुषार्थ
    ज्योतिष , कर्म और पुरुषार्थ धन वैभव प्राप्ति के लिए मनुष्य अत्यंत प्रयत्नशील रहता है. आप पत्रिकायों और  टीवी चैनलों को देख लें तो हजारों त...
  • Farenda Jungle - Woven Delicately , the fictional piece bring out the root cause of Naxalism-
    Woven delicately, this fictional piece tries to disentangle the intricacies and practices that have plagued the society. It tends to bring ...
  • महंगाई और गरीब...हम अपराधी है देश के
    हम अपराधी है देश के .... गरीबी के अभिशाप को झेलते . देश की बड़ती महंगाई के जिम्मेदार है हम किसान से बने शहरों में मजदूर  बिगड़ते कानून के ...
  • काला धन....छमा किजीये मेरी सोच अलग है
    सुजला सुफला कहे जाने वाले भारत को कभी सोने की चिडिया कहा जाता था . आज देश में  456 million ( 41.6%) विश्व गरीबी रेखा ( 1.25 $ प्रतिदिन ) के...
  • Why women are not safe in Delhi ??? जय माता दी से गूंजने वाले शहर दिल्ली मैं नारी क्यों सुरक्षित नहीं ?
    यह संकृति और सभ्यता की बातें हैं , कानून की नहीं   राष्ट्रीय सुरक्षा और Z +. सुरक्षा वाली दिल्ली ....फिर भी महिलाएं इतनी असुरक्षित क्यों ह...

Visits

For any reproduction or publication in whatsoever manner , please contact poonamonfb@gmail.com. Picture Window theme. Powered by Blogger.