Thursday, May 30, 2013

दोस्तों को समर्पित ...

दोस्तों को समर्पित ...

हम दुनिया को बताने चले आये..अपनी दिल की बात सुनाने चले आये;
उन्होंने फूलों की बात की थी शायद , हम काटों को चुभाते चले आये !

वेह ज़िन्दगी के खुशनुमा पहलु में थे , हम सच्चाई को बताते चले आये.
सोने की पूरी तयारी कर ली थी उन्होंने , हम उन्हें जगाने चले आये !

हम दोस्ती में पागल थे , हमारें आसूं की हर बूंदों का मोल ना कर
जो नफरत के पानी में भी , दोस्ती की आग लगाने चले आये !

हर कोई हाथों में पत्थर लिए हमें दुढ्ने लगा, सच का मुवयाजा देने ,
फिर भी हम इन पत्थरों के दिलों में जिंदगी की प्यास बढाने चले आये !

टूटने लगे थे हम , हताश हो रहे थे हम , लफ्जों पर लगे पहरों से परेशां थे हम,
पर कुछ ऐसे दोस्त भी थे जो हमें इस राह पर हिम्मत दिलाने चले आए !

हमने कभी नहीं चाहा था कोई दोस्त मिले किसी साधू- सा ,
पर वे दोस्ती का साथ निभाते मेरे, हमसफ़र, अदद इंसान सा चले आये !

Photo: दोस्तों को समर्पित  ...

हम दुनिया को बताने चले आये..अपनी दिल की बात सुनाने चले आये;
उन्होंने फूलों की बात की थी शायद , हम काटों को चुभाते चले आये !

वेह ज़िन्दगी  के खुशनुमा पहलु में थे , हम सच्चाई को बताते चले आये.
सोने की पूरी तयारी कर ली  थी  उन्होंने , हम उन्हें जगाने चले आये !

हम दोस्ती में पागल थे , हमारें  आसूं  की हर बूंदों का मोल ना कर
जो नफरत के पानी में भी , दोस्ती की  आग लगाने  चले आये !

हर कोई हाथों में पत्थर लिए हमें दुढ्ने लगा, सच का मुवयाजा देने  ,
फिर भी हम इन पत्थरों के दिलों में  जिंदगी की प्यास बढाने चले आये !

टूटने लगे थे हम , हताश हो रहे थे हम , लफ्जों पर लगे पहरों से परेशां थे हम,
पर कुछ  ऐसे दोस्त भी थे जो हमें इस राह पर हिम्मत दिलाने  चले आए !

हमने कभी नहीं चाहा था कोई  दोस्त मिले किसी साधू- सा ,
पर वे  दोस्ती का साथ निभाते  मेरे, हमसफ़र, अदद  इंसान सा चले आये !
- Poonam Shukla

- Poonam Shukla

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