Sunday, January 30, 2011

दोस्तों को समर्पित जो हमेशा हौसला बुलन्द करते हुए साहस बढ़ाते रहे .....दोस्तों .


हम दुनिया को बताने चले आये..अपनी दिल की बात सुनाने चले आये;
उन्होंने फूलों की बात की थी शायद , हम काटों को चुभाते चले आये

वेह ज़िन्दगी  के खुशनुमा पहलु में थे , हम सच्चाई को बताते चले आये.
सोने की पूरी तयारी कर ली  थी  उन्होंने , हम उन्हें जगाने चले आये

हम दोस्ती में पागल थे , हमारें  आसूं का मोल ना कर
जो नफरत के पानी में भी  हम दोस्ती की  आग लगाने  चले आये

हर कोई हाथों में पत्थर लिए हमें दूड़ने लगा,सच का मुवयाजा देने  ,
फिर भी हम इन पत्थरों के दिलों में  जिंदगी की प्यास बढाने चले आये

टूटने लगे थे हम , हताश हो रहे थे हम , लफ्जों पर लगे पहरों से परेशां थे हम,
पर कुछ  ऐसे दोस्त भी थे जो हमें इस राह पर हिम्मत दिलाने  चले आए

 हमने कभी नहीं चाहा था दोस्त मिले किसी साधू सा ,
पर वे  दोस्ती का साथ निभाते  मेरे हमसफ़र, अदद  इंसान सा चले आये 
- Poonam Shukla 

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