Sunday, January 30, 2011

Role of Police in Hindi Cinema- A brief History




हिंदी सिनेमा में पुलिस अधिकारी का मुख्य रोल - ज़ंजीर से दबंग तक हिंदी फिल्मों में पोलिस अधिकारी की भूमिका हमेशा से अहम् रही है. कई सफल फिल्मों के किरदार में अधिकारी मुख्य भूमिका में रहे हैं या फिर फिल्म के दमदार भूमिकाओं में दिखाई दिए हैं. कई कलाकारों ने इसे परदे पर सजीव कर दिया है. "अपने आप को पुलिस के हवाले कर दो" यह हिंदी सिनेमा का एक बुलन्द डायलोग हुआ करता था.हालाँकि पोलिस को कई बार हास्यापद तरीके से दिखाया गया और उनके अंडरवलर्ड के संभद को भी उजागर किया पर यैसे कई भूमिकाएं आयी हैं जिन्होंने दर्शकों पर यादगार छाप छोड़ी. यह एक इतिहास है की अमिताभ बच्चन को फिल्म इंडस्ट्री में पहचान “जंजीर”(1973) के पुलिस अधिकारी के रोल से ही मिला था. यह किरदार फिल्म इतिहास का एक अविस्मरनीय रोल बना जिसने एक महानायक को जनम दिया . सीआयीडी ( १९५६) में देवानंद का अपना अंदाज़ भी दर्शकों को बहुत भाया था . १९८२ में बनी शक्ति में दिलीप कुमार ने पुलिस अधिकारी के किरदार को काफी सशक्त रूप से परदे पर लाये खाकी एक कर्तव्यपरायण और फ़र्ज़ पर कुर्बान हो जाने वाली भूमिका में प्रभावशाली रही है. "दीवार"(१९७५) में शशि कपूर का भावुकतापूर्ण किरदार , अर्धय्सत्य (१९८३) में सचाई ले लिए लड़ने वाला ओमपुरी , "शूल" ( १९९९) में भ्रष्ट वयवस्था से लोहा लेते मनोज वाजपेयी ,, "सरफ़रोश" (१९९९) में तेजतरार आमिर खान ने इन किरदारों को एक ऊंचाई का मुक्काम दिलाया और खाकी की बेमिसाल इज्ज़त बनाई. मुख्यतौर पर हिंदी सिनेमा में पुलिस का रोल 
मुंबई केद्रित रहा है पर कई एसी फ़िल्में आयीं जिन्होंने अलग प्रदेशों की कहानियों में इसे दर्शाया जैसे गंगाजल ( २००३) में अजय देवगन और सेहर (२००५) में जान पर खेल माफिया का नाश करने वाले अरशद वारसी के रोल भी सराहनीय रहे और फिल्म की जान बन कर उभरे . यदि पोलिस अधिकारी के रोल की बात करें तो विनोद खन्ना की याद आती है . सत्यमेव जयते (१९८७) में अधिकारी अर्जुन सिंह , इंकार (१९७८) में खोजी पोलिसे अधिकारी के भूमिका और दर्शकों को मंत्र मुग्ध करने वाला अधिकारी अमर का अमर अकबर अन्थोनी ( १९७७) रोल आज भी तरोताजा है. पुलिस अधिकारी की भूमिका को परदे पर एक अहम् किरदार बनाने में २००४ में रिलीज़ हुई अमिताभ बच्चन की "खाकी" और सलमान खान की "गर्व" सफल फिल्मे रही है. अंडरवलर्ड को लेकर भी हिंदी सिनेमा ने कई फ़िल्में और पुलिस के किरदार प्रस्तुत किये जैसे नाना पाटेकर का अब तक छप्पन (२००४) या फिर शूट आउट अट लोखंडवाला (२००७) में संजय दत्त की भूमिका . पुलिस के किरदार को कॉमेडी का भी तड़का मिला है . १९८८ में बनी शहेंशाह में अधिकारी विजय का कॉमेडी रोल अमिताभ बच्चन ने बखूबी निभाया. और अब दबंग में सलमान खान चुलबुल पाण्डेय भी पुलिस अधिकारी की एक अजीब भूमिका में दिखाई देंगे बॉलीवुड के पुलिसिया किरदारों के इतिहास में एक नाम जो अमर सा हो गया है वोह है जगदीश शर्मा का जिन्होने १४४ फिल्मों में पुलिस अधिकारी की भूमिकों में जान सी फूंकी है. यह सफ़र है हिंदी सिनेमा में पुलिस अधिकारी की मुख्य भूमिक्याओं का . डाकुओं के पीछे जीप से भागने वाली पुलिस , , विल्लेन की ठुकाई के बाद सायरन की आवाजों का गूंजना , पोलिस का पहुंचना और एक बुलन्द आवाज " यू आर अंडर आर्रेस्ट" के साथ दर्शकों का तालियाँ बजाते हुए यही सोचना की पुलिस हमेशा अंत में ही क्यों पहुंचती है से रॉबिनहुड पाण्डेय का रोल. यह तो वक़्त ही बताएगा की दर्शकों को यह नया किरदार कितना पसंद आता है और खाकी की क्या गरिमा दिखाई जाती है 

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